
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था। 7 मई की रात भारतीय सेना ने सरहद पार जमकर तबाही मचाई, जिसके निशान अभी तक पाकिस्तान की सरजमीं पर मौजूद हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पंजाब के मुरीदके में स्थित लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का मुख्यालय, मरकज तैयबा को भी मिट्टी में मिला दिया गया था। वहीं, अब पाकिस्तान इसके पुनर्निर्माण की योजना बना रहा है।
भारतीय खुफिया एजेंसियों के डोजियर के अनुसार, पाकिस्तान आतंक के अड्डे को फिर से संवारने की तैयारी कर रहा है। पिछले महीने मरकज तैयबा को बनाने के लिए कई बड़ी मशीनें मुरीदके पहुंच गई हैं।
7 मई की रात लगभग 12:35 बजे भारतीय सेना के मिराज लड़ाकू विमानों ने सरहद पार करते हुए मुरीदके में मिसाइलें गिराईं। इस हमले में मरकज तैयबा को भी धराशायी कर दिया गया। इस इमारत में न सिर्फ आतंकियों को ट्रेनिंग दी जाती थी, बल्कि भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी जमा किए गए थे।
खुफिया जानकारी आई सामने
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार 18 अगस्त को मुरीदके में स्थित मरकज तैयबा के पास कई बड़ी मशीनें भेजी गई हैं। 4 सितंबर को उम्म उल कुरा नामक पीले ब्लॉक को भी गिरा दिया गया और इसके ठीक तीन दिन बाद लाल रंग की इमारत को ढहा दिया गया है।
क्या है पाकिस्तान का प्लान?
5 फरवरी 2026 को कश्मीर एकजुटता दिवस के मौके पर मुरीदके में लश्कर-ए-तैयबा के नए मुख्यालय का उद्घाटन हो सकता है। खुफिया जानकारी के अनुसार, फरवरी से पहले इस इमारत के पुनर्निर्माण का लक्ष्य रखा गया है। उद्घाटन के बाद आतंकियों को ट्रेनिंग देने, ब्रेनवॉश करने और आतंकियों गतिविधियों को अंजाम देने के लिए इस परिसर का इस्तेमाल किया जाएगा।
मरकज तैयबा का निदेशक मौलाना अबू जार समेत उस्ताद उल मुजाहिद्दीन को मरकज के पुनर्निर्माण की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा कमांडर युनूस बुखारी को परिचालन निरीक्षण का काम सौंपा गया है। इस रेनोवेशन में पाकिस्तान की सरकार भी अहम भूमिका निभा रही है।