
नेपाल में 26 सोशल मीडिया एप्स पर प्रतिबंध लगाने के बाद भड़का जेन-जी आंदोलन बाद में भ्रष्टाचार और नेपोकिड्स के पुराने जख्मों के कारण उग्र हो गया। नेपाल में इतना सब कुछ अचानक कैसे हो गया, अब इस पर नेपाल के पूर्व रक्षा मंत्री की प्रतिक्रिया आई है।
नेपाल के पूर्व रक्षा मंत्री मिनेंद्र रिजाल ने कहा है कि राजनीतिक दलों की लापरवाही और कुप्रबंधन के कारण आंदोलन हिंसक हो गया था। समाचार चैनल एनडीटीवी से बातचीत में रिजाल ने कहा, ‘मृतकों के परिवार के साथ मेरी संवेदनाएं हैं। मुझे उम्मीद है कि हम अब देश को आगे ले जाने की दिशा में काम करेंगे और जेन-जी की आकांक्षाओं को पूरा करेंगे।’
जेन-जी से समर्थन में उतरे रिजाल
डॉ. रिजाल ने कहा कि ‘सरकार ने लोगों का विश्वास खो दिया है। मैसेज को समझना जरूरी है न कि मैसेंजर को दंड देना। उन्होंने कहा कि मैं जिस सरकार और पार्टी का प्रतिनिधित्व करता हूँ, उसे मना नहीं सका। लेकिन अब देश को आगे बढ़ाना होगा।
डॉ, रिजाल ने कहा कि ‘हमें समाधान का हिस्सा बनना होगा और संविधान का सम्मान करना होगा। हमें देखना होगा कि जेन-जी देश चलाने के लिए आम सहमति कैसे बना पाता है।’ जेन-जी का नेतृत्व करने वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि मैं ऐसे व्यक्ति को इस पद पर देखता हूं, जो संविधान की रक्षा करे।
रिजाल ने कहा कि अगर जेन-जी देश की अच्छी सेवा करती है, तो वे उनके साथ खड़े रहेंगे। बता दें कि नेपाल में हिंसक आंदोलन के कारण प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली तक को इस्तीफा देना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति आवास और सरकारी इमारतों में आग लग गई और सेना ने स्थिति को अपने कंट्रोल में लिया है। अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम पर चर्चा जारी है।