बेहतर थायरॉइड फंक्शन के लिए इस तरीके से खाएं किशमिश, दिनभर बने रहेंगे एनर्जेटिक
थायरॉइड ग्लैंड हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को कंट्रोस करने में अहम भूमिका निभाता है। जब थायरॉइड ठीक से काम नहीं करता, तो वजन बढ़ना, थकान, बाल झड़ना और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं होनी शुरू हो जाती हैं। इसलिए थायरॉइड फंक्शन को सुधारने के लिए डाइट में पोषक तत्वों से भरपूर फूड आइटम्स को शामिल करना जरूरी है।
इन्हीं में से एक है किशमिश जो न केवल स्वादिष्ट है, बल्कि थायरॉइड हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। आइए जानें थायरॉइड ग्लैंड को बेहतर बनाने के लिए कैसे खानी चाहिए किशमिश, ताकि थायरॉइड ग्लैंड बेहतर तरीके से फंक्शन कर सके।
थायरॉइड के लिए कैसे फायदेमंद है किशमिश?
किशमिश में कई ऐसे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो थायरॉइड फंक्शन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जैसे-
सेलेनियम- थायरॉइड हार्मोन के प्रोडक्शन के लिए सेलेनियम बेहद जरूरी है। किशमिश में मौजूद यह मिनरल थायरॉइड ग्लैंड को हेल्दी रखता है।
आयरन- आयरन की कमी से थायरॉइड डिसफंक्शन हो सकता है। किशमिश आयरन का एक अच्छा सोर्स है।
विटामिन्स और एंटीऑक्सीडेंट्स- किशमिश में विटामिन-ए, विटामिन-सी और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, जो थायरॉइड ग्लैंड को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं।
फाइबर- यह पाचन को दुरुस्त रखता है, जो थायरॉइड के मरीजों के लिए काफी जरूरी है।
थायरॉइड के लिए किशमिश खाने का सही तरीका
रातभर भिगोकर खाएं
रात में 8-10 किशमिश को पानी में भिगोकर रख दें।
सुबह खाली पेट इसे पानी के साथ खाएं।
यह तरीका शरीर में पोषक तत्वों का अब्जॉर्प्शन को बढ़ाता है और थायरॉइड फंक्शन को सुधारता है।
अखरोट और किशमिश का मिक्सचर
2 अखरोट और 5-6 किशमिश को एक साथ खाएं।
अखरोट में ओमेगा-3 फैटी एसिड होता है, जो थायरॉइड हार्मोन को बैलेंस करने में मदद करता है।
दूध के साथ किशमिश
एक गिलास गर्म दूध में 5-6 किशमिश मिलाकर पिएं।
यह कॉम्बिनेशन कैल्शियम और आयरन से भरपूर होता है, जो थायरॉइड के लिए फायदेमंद है।
ओट्स या दलिया में मिलाकर
नाश्ते में ओट्स या दलिया में किशमिश मिलाकर खाएं।
इससे फाइबर और एनर्जी मिलती है, जो थायरॉइड के मरीजों के लिए अच्छी है।
इन बातों का ध्यान रखें
ज्यादा मात्रा में किशमिश न खाएं, क्योंकि इसमें शुगर की मात्रा ज्यादा होती है।
डायबिटीज के मरीज डॉक्टर की सलाह के बाद ही किशमिश खानी चाहिए।
अगर थायरॉइड की गंभीर समस्या है, तो केवल किशमिश पर निर्भर न रहें, डॉक्टर से सलाह लें।