बैटरी, हाइड्रोजन, सोलर… अब यहां मुकेश अंबानी की बड़ी तैयारी

रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी एक बार फिर भारत को दुनिया के नक्शे पर नई ऊंचाई देने की तैयारी में हैं। इस बार बारी हरित ऊर्जा की है। उन्होंने साफ कहा है कि रिलायंस अब क्लीन एनर्जी के क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम तैयार करने में लगी है।

“हम सिर्फ बिजनेस नहीं, भविष्य बना रहे हैं”
हम सोलर, बैटरी, हाइड्रोजन, बायो-एनर्जी जैसी टेक्नोलॉजी पर काम कर रहे हैं ताकि धरती को जलवायु संकट से बचाया जा सके। रिलायंस का फोकस अब उन सेक्टर्स पर है जो आने वाले वर्षों में भारत के विकास की रीढ़ बनेंगे।

20 साल आगे की सोच
अंबानी ने कहा, “हर बार जब हम कोई नया बिजनेस शुरू करते हैं, तो खुद से एक सवाल करते हैं कि भारत के विकास के लिए सबसे जरूरी क्या है? और हम इसे बड़े स्केल पर, लंबे समय तक कैसे कर सकते हैं?” उनका मानना है कि अनुभव और दूरदृष्टि के दम पर कंपनी आज से 20 साल आगे की जरूरतों का अनुमान लगाकर तैयारी करती है। जैसे कभी पॉलिएस्टर, फिर 4G और अब ग्रीन एनर्जी पर काम रहे हैं।

50 से 100 साल की उड़ान
रिलायंस 2027 में अपनी स्थापना के 50 साल पूरे कर लेगी। लेकिन मुकेश अंबानी की नजर 100 साल के सफर पर है। उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि रिलायंस सौ साल बाद भी भारत और इंसानियत की सेवा करता रहे। और मुझे पूरा भरोसा है कि ऐसा ही होगा।”

रिलायंस का अब तक का सबसे साहसी दांव 2016 में आया, जब कंपनी ने टेलीकॉम सेक्टर में Jio के जरिए एंट्री ली और 25 अरब डॉलर (करीब ₹2 लाख करोड़) का निवेश किया। “ये हमारा खुद का पैसा था, और मैं खुद सबसे बड़ा शेयरधारक। हमने रिस्क लिया क्योंकि हमें भरोसा था कि भारत डिजिटल क्रांति के लिए तैयार है,” अंबानी ने बताया। उन्होंने यह भी कहा कि “अगर सबसे खराब स्थिति में भी हमें रिटर्न नहीं मिलता, तब भी यह हमारे देश के लिए जरूरी था।”

अब बारी है ग्रीन एनर्जी की
पेट्रोकेमिकल्स से लेकर टेलीकॉम और डिजिटल इंडिया तक, रिलायंस ने हर दौर में खुद को समय से आगे साबित किया है। अब जब दुनिया कार्बन उत्सर्जन से परेशान है, रिलायंस भारत को ग्रीन एनर्जी की ताकत देने की तैयारी में है और अंबानी को भरोसा है कि एक बार फिर भारत की कहानी बदलेगी।

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