रिम्स में अल्ट्रासाउंड कराने में मरीजों को करनी पड़ रही कड़ी मशक्कत, क्सरे के लिए लगानी पड़ रही पैरवी

झारखंउ के सबसे बड़े अस्पताल रिम्स में मरीजों को कई जांच के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। अल्ट्रासाउंड की समस्या पिछले दो सालों से रिम्स में है, अब एक्सरे के लिए भी लोगों को पैरवी लगानी पड़ रही है। अस्पताल में सालों से कई जरूरी उपकरण खराब पड़े हैं। इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। दरअसल, रिम्स में मरीजों के लिए अल्ट्रासाउंड की व्यवस्था तो है, लेकिन जांच कराने के लिए 15 दिन बाद का नंबर दिया जाता है।

अल्ट्रासाउंड कक्ष में दो मशीनें हैं। इसमें से एक मशीन कई साल से खराब है। दूसरी भी अधिकांश समय बंद ही रहती है। नतीजन मरीजों को बाहरी जांच घर का सहारा लेना पड़ता है। रिम्स में साल 2019 में इसके लिए टेंडर निकालने की बात भी चल रही थी, लेकिन प्रक्रिया शुरू होती, उससे पहले ही रुक गई। अल्ट्रासाउंड तो बस उदहारण है, यहां कैथलैब मशीन भी महीने में 20 दिन खराब पड़ी रहती है। बीते मंगलवार को भी मरीज के एंजियोप्लास्टी के दौरान ही कैथलैब खराब हो गई थी। अब नई मशीन कब आएगी, इसका भी कोई पता नहीं है।

जेम पोर्टल से होता है रिम्स में सीटी स्कैन, कैथलैब व एमआरआइ मशीन की खरीद

रिम्स के कार्डियोलॉजी विभाग में कैथलैब मशीन और रेडियोलॉजी विभाग के सीटी स्कैन व एमआरआइ मशीन की खरीद को लेकर क्रय समिति की बैठक एक माह पूर्व ही प्रशासनिक भवन में हुई थी। बैठक में क्रय से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर विचार करने के बाद क्रय समिति की सहमति से निर्णय लिया गया कि सरकार के जेम पोर्टल द्वारा सीटी स्कैन समेत अन्य मशीनों की खरीद की जाएगी। सीटी स्कैन मशीन जेम पोर्टल से क्रय के लिए निविदादाताओं को निविदा भरने के लिए 15 दिनों का समय निर्धारित की गई है। एक माह बीतने के बाद भी अब तक क्रय नहीं हो सका है।

 

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