सीमा को अभेद बनाने में जुटी वायु सेना, AN-32 की पांच बार लैंडिंग

उत्तराखंड की चीन सीमा पर सुरक्षा की चौकसी को लेकर वायु सेना ने चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर अपनी गतिविधि बढ़ा दी है। गुरुवार को वायु सेना का मल्टीपरपज विमान एएन-32 ने पांच पर सुरक्षित लैंडिंग की और टेकऑफ किया। सूत्रों के अनुसार चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को अस्थाई रूप से वायु सेना एयरबेस बनाने की कवायद में है। लेकिन, अभी अंतिम निर्णय वायु सेना की ओर से नहीं लिया गया है। चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर 29 अक्टूबर को एयर मार्शल के आने का कार्यक्रम भी प्रस्तावित है। 

भारत-चीन सीमा पर लद्दाख में चीन सेना की घुसपैठ के बाद बढ़े गतिरोध के बीच भारतीय सेना और वायु सेना अलर्ट मोड पर है। सीमा को अभेद बनाने के लिए वायु सेना अभ्यास में जुट गई है। गुरुवार को चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी पर वायु सेना का एएन-32 विमान को उतरा। करीब सात बार लैंडिंग और सात बार टेकऑफ किया। बताया जा रहा है कि यह मल्टीपरपज विमान आगरा एयर बेस से चिन्यालीसौड़ पह़ुंचा। 

रनवे का परीक्षण करने के लिए पायलट दल ने आसमान में चक्कर भी लगाया। पायलट दल ने रनवे को सुरक्षित लैंडिंग के लिए मुफीद पाया है। यह भी बताया जा रहा है कि वायु सेना चिन्यालीसौड़ हवाई पट्टी को अस्थाई रूप से एयर बेस बना सकती है। इसके लिए 20 अक्टूबर को वायु सेना की टीम दो चेतक हेलीकॉप्टर के जरिये चिन्यालीसौड़ पहुंची, जहां वायु सेना की टीम ने हवाई पट्टी पर मौजूद सुविधाओं के अलावा हवाई पट्टी के निकट उत्तराखंड जल विद्युत निगम के गेस्ट हाउस को भी देखा। बताया जा रहा है कि अभी वायु सेना की ओर से अस्थाई एयर बेस को लेकर अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।

पूर्वी लद्दाख में चीन ने की ओर से हुई थी हिंसक झड़प 

गौरतलब है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर चीन की ओर से की गई हिंसक झड़प के बाद से सीमांत जनपद उत्तरकाशी के बॉर्डर पर भी सेना अलर्ट हो आ गई। चीन को मुंह तोड़ जवाब देने के लिए सेना तैयार है। उत्तरकाशी जिले में भी सेना किसी तरह की चूक नहीं चाहती है। भारत-चीन की 345 किलोमीटर लंबी सीमा उत्तराखंड में है। इसमें उत्तरकाशी में करीब 122 किलोमीटर लंबी सीमा है। इस सीमा पर चौकसी की जिम्मेदारी आइटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के पास है।

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